विशिष्टता - इस अंक के जातक दृढ़ इक्छा शक्ति को रखने वाले व रचनात्मक प्रवृति के होते है ये स्वभाव से हँसमुख और दूसरों को अपनी ओर तुरंत ही आकर्षित करने वाले होते हैं साथ ही अदम्य साहसी व नेतृत्व प्रधान भी होते हैं, किसी के प्रभाव या दवाब में रहकर काम करना इनके बस की बात नहीं होती l परिवार, समाज, मित्र मंडली व कार्यस्थल पर भी नेतृत्व करने का गुण प्रधान बना रहता है, चाटुकारिता व झूठी खुशामद इनको पसंद नहीं होती है l जिसके चलते कई बार इनके नौकरी-व्यवसाय में भी परिवर्तन होता रहता है l
नवीनता की खोज में लगे रहना, विलक्षण एवं अद्भुत कार्य करना भी इनका एक अन्य गुण है l
नवीनता की खोज में लगे रहना, विलक्षण एवं अद्भुत कार्य करना भी इनका एक अन्य गुण है l
निर्णय करने में ये बहुत चतुर होते है अनिश्चय की स्थिति न के बराबर होती है इनके निर्णय अधिकांशतः सही होते है l
ये स्वतंत्र प्रकृति के व अधिकार पसंद होते है, बड़ी से बड़ी व्यवस्था व अधिकार को बाखूबी सँभालने की क्षमता इनके व्यक्तित्व में समाहित होती है l
यह अपने निश्चय पर अटल रहते है और अपने लक्ष्य को जब तक प्राप्त नहीं कर लेते यह चैन की सांस नहीं लेते, यही कारण है कि यह किसी भी क्षेत्र में काम करें वहां के मुख्य पद को प्राप्त करके ही रहते है l
सावधानिया ---
1.अपने अहंकारी व हठी स्वाभाव से बचें l
2. खर्च पर नियंत्रण करने का प्रयत्न करें व धन संचय पर ध्यान दें l
3. धन के मामले में कोई जोखिम न लें बरना धोखाधड़ी व धन-मान की हानि संभव है l
4. प्रेम प्रसंग के मामले में सावधानी बरतें अन्यथा समाज में धूमिलता का सामना करना पड़ सकता है l
अनुकूल व प्रतिकूल समय -- 22 मार्च से 28 अप्रैल और 21 जुलाई से 28 अगस्त तक का समय इनके लिए बहुत शुभ व प्रभावशाली होता है.
अक्टूबर,नवंबर और दिसंबर के महीने प्रतिकूल सिद्ध होंगे. अतः इन महीनों में सावधानी बरतनी चाहिए और कोई नवीन कार्य आरम्भ नहीं करना चाहिए..
शुभ व अशुभ तिथियां --
किसी भी महीने की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ रहेगी अपने महत्व पूर्ण कार्य इन्हीं तिथियों में करने का प्रयास करना चाहिए l
इस अंक के मित्र अंक 2 व 7 अंक भी है अतः वो सभी तिथियां जिनका योग 2 हो, भी शुभ होती है.
इसी प्रकार वे सभी वर्ष जिनका योगफ़ल 1, 2 व 7 आये.
शुभ वार -- रविवार व सोमवार
नौकरी या व्यवसाय --- प्रधान, प्रमुख एवं प्रसिद्ध व्यक्ति, केमिस्ट, दबाओं की दुकान, सोने-चांदी की दुकान, सैनिक, सेना अध्यक्ष, सेल्स एग्जीक्यूटिव, निदेशक, तथा व्यवस्था से जुड़े अन्य प्रमुख पद आदि l
बीमारियां -- सर दर्द, नेत्रविकार, पित्तविकार, बुखार, हिरदै रोग, अस्थि एवं चर्म रोग, पेट व पीठ सम्बंधित रोग l
शुभ रंग -- सुनहरा, पीला व तांबे की आभा वाला रंग व भूरा रंग
भाग्यशाली रत्न ---- आपका शुभ रत्न माणिक्य है. इनको रविवार को सोने की अंगूठी में 5 या 6 रत्ती का माणिक अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए.
ये स्वतंत्र प्रकृति के व अधिकार पसंद होते है, बड़ी से बड़ी व्यवस्था व अधिकार को बाखूबी सँभालने की क्षमता इनके व्यक्तित्व में समाहित होती है l
यह अपने निश्चय पर अटल रहते है और अपने लक्ष्य को जब तक प्राप्त नहीं कर लेते यह चैन की सांस नहीं लेते, यही कारण है कि यह किसी भी क्षेत्र में काम करें वहां के मुख्य पद को प्राप्त करके ही रहते है l
सावधानिया ---
1.अपने अहंकारी व हठी स्वाभाव से बचें l
2. खर्च पर नियंत्रण करने का प्रयत्न करें व धन संचय पर ध्यान दें l
3. धन के मामले में कोई जोखिम न लें बरना धोखाधड़ी व धन-मान की हानि संभव है l
4. प्रेम प्रसंग के मामले में सावधानी बरतें अन्यथा समाज में धूमिलता का सामना करना पड़ सकता है l
अनुकूल व प्रतिकूल समय -- 22 मार्च से 28 अप्रैल और 21 जुलाई से 28 अगस्त तक का समय इनके लिए बहुत शुभ व प्रभावशाली होता है.
अक्टूबर,नवंबर और दिसंबर के महीने प्रतिकूल सिद्ध होंगे. अतः इन महीनों में सावधानी बरतनी चाहिए और कोई नवीन कार्य आरम्भ नहीं करना चाहिए..
शुभ व अशुभ तिथियां --
किसी भी महीने की 1, 10, 19 व 28 तारीख शुभ रहेगी अपने महत्व पूर्ण कार्य इन्हीं तिथियों में करने का प्रयास करना चाहिए l
इस अंक के मित्र अंक 2 व 7 अंक भी है अतः वो सभी तिथियां जिनका योग 2 हो, भी शुभ होती है.
इसी प्रकार वे सभी वर्ष जिनका योगफ़ल 1, 2 व 7 आये.
शुभ वार -- रविवार व सोमवार
नौकरी या व्यवसाय --- प्रधान, प्रमुख एवं प्रसिद्ध व्यक्ति, केमिस्ट, दबाओं की दुकान, सोने-चांदी की दुकान, सैनिक, सेना अध्यक्ष, सेल्स एग्जीक्यूटिव, निदेशक, तथा व्यवस्था से जुड़े अन्य प्रमुख पद आदि l
बीमारियां -- सर दर्द, नेत्रविकार, पित्तविकार, बुखार, हिरदै रोग, अस्थि एवं चर्म रोग, पेट व पीठ सम्बंधित रोग l
शुभ रंग -- सुनहरा, पीला व तांबे की आभा वाला रंग व भूरा रंग
भाग्यशाली रत्न ---- आपका शुभ रत्न माणिक्य है. इनको रविवार को सोने की अंगूठी में 5 या 6 रत्ती का माणिक अनामिका उंगली में धारण करना चाहिए.
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